बैलेंस शीट क्या है?और बैलेंस शीट बनाने का तरीका-आसान तरीका.

नमस्कार दोस्तो ! आज में बिना किसी टेक्निकल वर्ड को यूज किए आसान से आसान तरीके से,में आपको आज बैलेंस शीट क्या है ? और बैलेंस शीट बनाने का तरीका समझाने वाला हूं.

आज Quickguruji आपको बैलेंस शीट को थोड़ा अलग तरीके से समझाने की कोशिश करेगा.आज हम कंपनी के बैलेंस शीट को हमारे आम घर केेेेे बजट से Comparison करने वाले हैं.तो चलिए शुरू करते है,एक बेहतरीन Example से.

अगर आपके घर का राशन खतम हो जाता है,तब आप क्या करोगे ?आप तुरंत एक लिस्ट बनाकर अपने बजट के हिसाब से दुकान जा कर राशन खरीद लोगे. लेकिन आपसे मेरा एक सवाल है ?

राशन लाने के लिए क्या जरूरी है?

आप कहोगे पैसे.(लेकिन आपके पास जितने पैसे होंगे उतने का ही आप राशन खरीद सकते हो दुकान से) बराबर.उदाहरण के लिए अगर आपके इस महीने के राशन का बजेट ₹ 5,000 है, तो आप उस के हिसाब से ही राशन लाओगे.

लेकिन कुछ कारणों के चलते आपने स्टोर वाले से 500 रुपए की,उधारी करके टोटल 5,500 रुपए का राशन अपने घर लेके चले गए.बस ये कहानी इतने तक ही थी.अब आते है हमारे मुद्दे की बात पर.

उपर के इसी मुद्दे को बैलेंस शीट और कंपनी के भाषा में समझें तो,

  • जो लिस्ट आपने रेशन लाने के लिए बनाई थी उसे आप बैलेंस शीट कहोगे.
  • सामान लाने के लिए आपके पास अपने जो खुद के पैसे थे,उसे Assets कहा जायेगा.
  • और स्टोर के पास जाके आपने जो 500 रुपए की उधारी की उसे यह Liabilities कहा जाता है.

अब इसी Concept के आधार पर हम What Is Balance Sheet ? यानी बैलेंस शीट क्या है ? ये समझ ने वाले है.

बैलेंस शीट क्या है और बैलेंस शीट बनाने का तरीका-आसान तरीका.

बैलेंस शीट बनाने का तरीका

बैलेंस शीट कंपनी का एक ऐसा कागज है,जिसे में देख कर कंपनी के Performance के बारे में सारी बाते पता चल जाता है.

जो इन्वेस्टर होते है,वो इन कंपनी के Financial Statement का Fundamental Analysis करके ही अपना पैसे इन में इन्वेस्ट करते है.ताकि उन्हे भविष्य में अच्छा रिजल्ट मिले.

बैलेंस शीट में ऐसा क्या लिखा होता है ?

बैलेंस शीट को मेन ली दो भागो में बाट गया है,Assets और Liability & Equity.और एक इन्वेस्टर कंपनी के इन्ही दो भागो के उपर फोकस करता है.

तब जाके इन्वेस्टर को कंपनी के Performance के बारे में सारी बाते मालूम हो जाती है.जैसे की,कंपनी के पास अब तक कितने की Asset है?.मार्केट में कंपनी के उपर कितनी की Liability(उधारी) है? etc.बस यही सारी बाते कंपनी के बैलेंस शीट में लिखी हुई होती है.

बैलेंस शीट Part 1

बैलेंस शीट के पहिले पार्ट में Liabilities को दिखाया जाता है.जिस में देख कर कंपनी के उपर कितना लोन है ये पता चलता है.

और इन लोन को Short Term Loan और Long Term Loan में बाटा जाता है.

  • अगर कंपनी ने 1 साल या 1 साल से कम समय के लिए कोई उधारी की है तो वो उसे Short Term Loan कहते है.और उसी Short Term Loan का दूसरा नाम है Current Liability .
  • वही अगर कंपनी 1 साल से ज्यादा टाइम के लिए कोई उधारी करती है,तो उसे Long Term Loan कहा जाता है.Long Term Loan को Non Current Liability कहते है.

Shareholder Fund: को देख कर ये पता चल जाता है की, कंपनी के Shareholders ने कितना पैसा उस बिजनेस में डाला है.Shareholder Fund को Equity Fund के नाम से भी जाना जाता है. और ये सारी बाते कंपनी की बैलेंस शीट की लायबिलिटी साइड को देखकर पता चल जाती है.

Liabilities क्या होती है ?|What Is Liabilities In Hindi

बैलेंस शीट Part 2

बैलेंस शीट के दूसरे पार्ट में कंपनी के Assets शो (show) होते है.जिस से कंपनी मार्केट में कितनी Strong है ये पता चल जाता है.

शुरआत मेंं एक न्यू पर्सन को बैलेंस शीट के Liabilities हिस्से को समाज ने में प्रॉब्लम हो जाती है.क्युकी वाहा काफी सारी चीज़े एक जैसे ही लगती है, लेकिन Asset साइड दिखाने में और समझ ने भी बहुत आसान है.

बैलेंस शीट के Asset साइड को सिर्फ दो भागो में बाटा गया है Current Assets और Non Current Assets.

  • Current Assets: मतलब ऐसे Asset जिन्हे कंपनी एक साल के अंदर use करके उन्हे Cash में convert कराती है.
  • Non Current Assets:मतलब ऐसे Asset जिन्हे कंपनी एक साल से ज्यादा टाइम तक यूज कर रही है. और ये Asset कंपनी को लंबे समय तक बेनिफिट देती रहती है.

What Is Assets In Hindi ?

Method Of Making Balance sheet In Hindi

बैलेंस शीट बनाने के दो तरीके है,Horizontal Balance Sheet & Vertical Balance Sheet.Horizontal लेवल, बैलेंस शीट का बेसिक लेवल होता है.जिसका मकसत सिर्फ बच्चो को बैलेंस शीट आसान भाषा में समझाना होता है.

और Vertical लेवल बैलेंस शीट एक advance लेवल है,जिस की मदत आप कंपनियों के बैलेंस शीट को पड़ना(Read) सिखते हो.बस इतना ही फरक है.

क्युकी मार्केट में कोई भी बड़ी कंपनी अपनी बैलेंस शीट Horizontal तरीके से नहीं बनाती.वो Vertical Balance Sheet के जरिए ही अपने सारे Statistics दिखाती है.आप moneycontrol.com इस वेबसाइट पे जाके किसी भी कंपनी की बैलेंस शीट जाके देख सकते हो.

दोस्तो,हर चीज का एक बेसिक लेवल होता है.बेसिक बाते सिख कर आप Advance लेवल समझ पाते हो.उसी तरह बैलेंस शीट का भी बेसिक स्टेज होता है.जिसे बच्चे 11th ,12 th कॉमर्स शाखा में सिखते हैै.

आज क्या सीखा ?

आज की पोस्ट में हम ने बैलेंस शीट को थोड़ा अलग तरीके से आसान भाषा में समझा.Horizontal और Vertical Balance Sheet के टाइप को देखा.

अगले पोस्ट में Balance sheet ko kaise analysis karate hai ये समझेंगे.क्युकी और भी कई सारे बाते है,बैलेंस शीट के बारे में उन्हे हम Balance sheet ke analysis वाले पार्ट में समझेंगे.

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FAQ | सवाल जवाब

Q1 बैलेंस शीट को हिंदी में क्या बोलते है ?

हिंदी में इसे बोलते है तुलन पत्र.

Q2 बैलेंस शीट से कंपनी की परफॉर्मेंस कैसे पता चलती है?

कंपनी के दोनो साल की बैलेंस शीट स्टेटमेंट को comparison करके उसकी परफॉर्मेंस के बारे में पता चल जाता है.

Q3 क्या बैलेंस शीट कंपनी का अकाउंट होता है ?

नहीं,ये कंपनी का एक स्टेटमेंट होता है.

Q4Financial Statement kya hota hai ?

एक इन्वेस्टर को किसी भी कंपनी का fundamental Analysis करने के लिए उस कंपनी का Financial Statement anlysis करना बहुत जरूरी होता है,जिस में इन्वेस्टर को कंपनी के Cash Flow Statement, Income statement और balance sheet के बारे जानकारी मिल जाती है.

आखरी शब्द

दोस्तो में उम्मीद करता हु आज के हमारे आर्टिकल में दी गई जानकारी (बैलेंस शीट बनाने का तरीका) आपको पसंद आई होगी.आज का आर्टिकल आपको कैसा लगा हमे नीचे कॉमेंट करके या फिर ईमेल करके जरूर बताए.

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