What Is Debenture In Hindi : नमस्कार दोस्तो,कंपनी को जब भी पैसे की जरूरत होती है,तो उनके पास कई सारे ऑप्शन होते है जैसे की,कंपनी चाहे तो मार्केट में शेयर इश्यू कर सकती है,या फिर डिबेंचर इश्यू करवा कर अपने कंपनी के फंड को बढ़ा सकती है.
तो आज के पोस्ट में हम डिबेंचर के बारे सारी बाते डिटेल में समझेंगे जैसे की,
- डिबेंचर क्या है ?(What is Debenture ?)
- कितने तरह के होते है ?(Types Of Debenture ?)
- उनमें क्या खासियत होती है ?(Features Of Debenture)
- क्यों इश्यू किए जाते है ?
इन सब सवालो के जवाब आपको आज मिलने वाले है ,तो चलिए आर्टिकल की शुरवात करते है.
Debentures Meaning In Hindi
Debentures को हिंदी मे ऋणपत्र बोला जाता है.
What Is Debenture In Hindi(डिबेंचर क्या है?)

दोस्तो,आसान भाषा में बताऊं तो डिबेंचर एक तरह का लोन है,जिसे कंपनिया बैंक से ना लेकर पब्लिक से लेती है.और उन्हे (पब्लिक को) कंपनी की तरफ से Debentures Certificate ( ऋण प्रमाणपत्र) दिया जाता है.कोई भी प्राइवेट या पब्लिक कंपनी अपने डिबेंचर को मार्केट में इश्यू करवा सकती है.
Features Of Debentures(डिबेंचर्स की खासियत)
डिबेंचर होल्डर की क्या खासियत होती है,अब इसके बारे में बात करते है.
Status
कंपनी डिबेंचर के उपर Interest देती है अपने डिबेंचर होल्डर को,Because (Debentures Holder Are Creditors Of The Company.)
Promise
कंपनी यहां पब्लिक से लोन लेती है.और लोन लेने के साथ उनसे ये वादा करती है की मेने(कंपनी ने)आपसे लोन लिया है,तो आज नहीं तो कल as per the condition इन लोन के पैसे को कंपनी जरूर चुकायेगी.इस तरह का वादा कंपनी अपने डिबेंचर होल्डर से करती है.
Priority Of Repayment
कंपनी अपने डिबेंचर होल्डर को पहिली प्रायोरिटी देती है.भविष्य में अगर कंपनी को फायदा होता है,तो रिपेमेंट करने की पहिली Priority डिबेंचर होल्डर को की जाती है.उसी तरह अगर कंपनी बंद भी हो जाती है,तो सबसे पहिले डिबेंचर होल्डर के पैसे को वापिस किया जाता है.
Face Value
कंपनियों के शेयर्स के मुकाबले डिबेंचर्स की Face Value ज्यादा होती है.जैसे की ₹100,₹200 etc.
Transferability
कंपनी के कुछ डिबेंचर को आसानी से ट्रांसफर किया जाता है.तो कोनसे वो डिबेंचर होते है उसके बारे में हम डिटेल में टाइप्स ऑफ डिबेंटायर्स में बात करेंगे.
Interest
डिबेंचर एक तरह का लोन है,इसलिए कंपनी इसके उपर अपने डिबेंचर होल्डर को इंटरेस्ट पे करती है.और ये इंटरेस्ट फिक्स्ड होता है.भले कंपनी को फायदा हो या ना हो.उन्हे हर हालत में अपने डिबेंचर होल्डर को इंटरेस्ट पे करना ही होता है.
रिटर्न की फिक्स्ड गारंटी
इन्वेस्टमेंट के प्वाइंट सोचे तो अगर आपने डिबेंचर के जरिए किसी कंपनी में इन्वेस्ट किया है तो आपको हर साल फिक्स्ड इंटरेस्ट के रिटर्न की गारंटी होती है.
Types Of Debenture(डिबेंचर के प्रकार)
डिबेंचर क्या है ? ये तो आपको समझ आ गया होगा, अब बात करते है उनके टाइप्स के बारे में क्युकी कंपनी में एक ही तरह के डिबेंचर नहीं होते.उन में भी अलग अलग टाइप है जैसे की,आप निचे टेबल में देख सकते हो.

अब एक एक करके डिबेंचर के इन टाइप को डिटेल में समझ लेते है.
Convertible Debenture
Convertible Debenture मतलब वो Debenture जो Convert किए जाते है Shares में.और Shares से मेरा मतलब है Equity Shares में.
Non Convertible Debenture
Non Convertible Debenture मतलब वो डिबेंचर जिन्हे शेयर्स या किसी भी दुसरे सिक्योरिटी में कन्वर्ट नही किया जा सकता.
Shares और Debentures में क्या फरक है ?
Redeemable Debenture
इस केस में Company Limited Time Period के लिए अपने डिबेंचर Issue करती है जैसे 5 ,6 और 7 साल, और वो टाइम पूरा होने के बाद कंपनी अपने डिबेंचर वापस ले लेेती Debentureholder से.
Irredeemable Debenture
याहा कंपनी अपने डिबेंचर वापस नहीं ले सकती है,जब तक कि वो कंपनी बंद ना हो जाए.लेकिन इस तरीके के Debentures India में Issue नहीं होते.
Registered Debenture
Registered Debentures कि सारी Detail Company के Registar में लिखी होती है.जिसके चलते Debentureholder उन डिबेंचर को Directly किसी और को Transferred नहीं कर सकता.उन्हें पहले Company के Directors कि Permision लेनी पड़ती है.
Unregistered Debenture
इस डिबेंचर का किसी तरह का कोई का कोई Registration नहीं होता .और Debentureholder अपने डिबेंचर को आसानी से किसी को भी Transferred कर सकता है .
Secured Debenture
Secured Debentures में कंपनी Security दे देती है debentureholder को ताकि भविष्य में कंपनी अगर उन्हें उन के loan के पैसे वापस नहीं दे पाई तो वो Security को बेच के अपने पैसे को Recover कर सके.
Security के तौर पर कंपनी अपनी कोई भी Asset दे सकती है जैसे -Land ,Building etc. दोस्तो एक बात याद रखे Security उन्ही कंपनी को देनी पड़ती है जो मार्केट मै न्यू होती है.
Unsecured Debenture
इस Case में Debentureholder जो है,बिना किसी Security के अपना पैसा कंपनी को दे देता है,कंपनी के Reputation के Base पर .
कंपनी पब्लिक से ही लोन क्यू लेती है ?
आर्टिकल पढ़ते पढ़ते शायद कुछ लोगो के दिमाग में ये सवाल आया होगा की,की आखिर कंपनी को लोन चाहिए तो कंपनी बैंक के पास जाए.लोगो से लोन के फॉर्म में कंपनी पैसा क्यों उठा रही है ?
तो इसका सिंपल जवाब है.कंपनी को यहां फायदा दिखाता है.जैसे की,अगर मान लो किसी कंपनी को 1 करोड़ रुपए की जरूरत है तीन साल के लिए.और वो कंपनी बैंक के पास जाते है,और बोलती है हमे आप 1 करोड़ रुपए का लोन दीजिए 3 साल के लिए.
तो बैंक कहती है ठीक है,जितना पैसा चाहिए बोल दो एक साथ दे देंगे मगर 8% Interest Rate चार्ज करेंगे.और उस 8% Interest Rate का चार्ज 24 लाख रुपए होगा.
ठीक उसी तरह अब दूसरे नजरिए से बात करे.अगर कंपनी बैंक न जाके लोगो (Debenture holder) से पैसा लोन के फॉर्म में लेती है तो क्या होगा ?
अब मान लो कंपनी ने लोगो (Debenture holder) से पैसा लोन के फॉर्म में उठाया.पहिले साल में 20 लाख,दूसरे साल में 40 लाख और तीसरे साल में 40 लाख.जिसके बदले कंपनी उन लोगो को 10% का Rate Of Interest देगी.जिसके चलते कंपनी की उस 1 करोड़ के पीछे 18 लाख की Cost आयेगी.
अब आप ही सोच कर देखो,अगर कंपनी बैंक से लोन लेती तो उन्हे 24 लाख रुपए इंटरेस्ट बैंक को देना पड़ता.वही जब कंपनी ने लोगो से पैसा लोन के फॉर्म में उठाया तब वहा सिर्फ 18 लाख की Cost आ गई.मतलब पूरे 6 लाख की बचत होती है.
इसलिए कंपनी बैंक के बजाय लोगो से पैसा लोन के फॉर्म में लेती है.क्युकी Debenture holder का Cost महंगा होते हुए भी कंपनी के लिए सस्ता है.
आज क्या सिखने को मिला
आज के आर्टिकल में आपने सिखा डिबेंचर के बारे में.जो एक तरह का लोन होता हैै,और डिबेंचर एक ही तरह के नहीं होते,उन में भी अलग अलग अलग तरह के टाइप है,जैसे की,Redeemption Type, Security Type, Register Type, Convertible Type etc. उन टाइप के बारे में आपने डिटेल से समझा.
आखरी शब्द
दोस्तो में उम्मीद करता हु आज के हमारे आर्टिकल में दी गई जानकारी (What Is Debenture In Hindi?) आपको पसंद आई होगी.आज का आर्टिकल आपको कैसा लगा हमे नीचे कॉमेंट करके या फिर ईमेल करके जरूर बताए.ऐसे ही नए नए इनफॉर्मेशन रीड करने के लिए हमारे ब्लॉग पर दोबारा जरूर विजिट करे.
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FAQ
Debenture Meaning In Hindi ?
डिबेंचर का हिंदी में अर्थ है ऋणपत्र.
What Is Debenture?
डिबेंचर एक तरीके का लोन है,जो Public से Borrow किया जाता है.
डिबेंचर कितने प्रकार है ?
डिबेंचर कई टाइप के होते है जैसे की,Redeemption Type, Security Type, Register Type, Convertible Type etc. और इन सब के बारे में हम ने उपर डिटेल में बता दिया है.
डिबेंचर कोन इश्यू करवाता है?
उपर आपने आर्टिकल में पढ़ा की कंपनिया मार्केट में अपने डिबेंचर को इश्यू करवाती है.ये तो समझ ने के लिए लॉजिकल बात हो गई.मगर कंपनी की तरफ से Board Of Director ये decision लेते है,की उन्हे मार्केट में डिबेंचर को इश्यू करवाना है या नही.
Debentures | एक तरीके का loan है ,जो कि public से Borrow किया जाता है. |
Debentures certificate | ये Certificate Debentureholder को एक सबूत के तौर पर दिया जाता है कि आप हमारे company के creditors हो . |
Debentureholder | Means वो लोग जिन्होंने company के डिबेंचर purchase किए है . |
Issue | मतलब मार्केट में कंपनी की कोई भी सिक्योरिटी जैसे की शेयर, बॉन्ड्स, डिबेंचर्स को बेच (Sale) देना. |
Very nice
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