Credit Creation By Commercial Banks|Commercial Bank का बिजनेस मॉड्यूल क्या होता है ?

दोस्तो पिछले वाले आर्टिकल में हम ने Commercial Bank और उनके फंक्शन के बारे में बात की थी.मगर आज के आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं Credit Creation By Commercial Banks के बारे में.जिसके जरिए आपको Commercial Banks का क्या बिजनेस मॉड्यूल क्या होता है? ये पता चलेगा.तो चलिए आज का आर्टिकल शुरू करते है.

Credit Creation By Commercial Banks

Credit creation को समझ ने से पहिले ,आप Commercial Bank (CB) के fundamental को समझें जैसे,

  • Commercial Banks क्या होते है ?
  • इन Banks के लिए Asset & liability क्या होती है?

ये सब अगर अपको पता हो,तो आप और अच्छे से समझ सकते है Credit Creation By Commercial Bank In Hindi की प्रोसेस को.

Bank के लिए Asset क्या है ?

अब asset मतलब वो चीज है,जिसे यूज करके Business में पैसा कमाया जाता है .और Banking Business के Point Of You से बात करे तो,

Bank जो लोन पब्लिक को देगी,वो लोन बैंक के लिए Asset होगा. Because उस लोन से बैंक Interest(ब्याज) कमाती है.इसलिए लोन बैंक के नज़रिए से Asset है.

Bank के लिए liabilities क्या है ?

Liabilities मतलब एक जिम्मेदारी (Responsibility).Public जो पैसा bank में Deposite करती है,वो बैंक के लिए Liabilities है.

Commercial Bank कैसे काम करता है .

Assume कीजिए,की Mr Ram ने Bank में पैसे Deposite किए है Rs 10,000.और बैंक ने वो सारे पैसे को लोन में दिया किसी और को.

(क्युकी बैंक का काम यही होता है,लोगो से Deposite लेना और जिनको जरूरत हो उन्हें लोन देना.इसी process से तो banks की कमाई होती है.)

और कुछ दिनों बाद Mr Ram को पैसो की जरूरत पड़ी इसलिए वो बैंक गए पैसे निकाल ने के लिए ,लेकिन Bank ने तो सारे पैसे को लोन में दिया था .अब उन के पास भी पैसे नहीं है .तो इस case में बैंक जो है वो Mr Ram को क्या कहेगी अभी आपके पैसे हमारे पास नहीं है बाद में आना.ये तो Mr.Ram के साथ गलत होगा ना.उनका ही पैसा उन्हें लेने के लिए wait करना पड़ रहा है ऐसा नहीं होना चाहिए

Legal Reserve Ratio (LRR) से मिली नई उमिद.

लेकिन अगर ऐसी Situation⬆️ बार बार create होती है,तो कोई भी person अपना पैसा bank में deposit नहीं करेगा.

Because बैंक की एक खासियत है,की हम अपना पैसा जब चाहे Deposite और उसे Withdrawal भी कर सकते है.

लेकिन बार बार ऐसी प्रॉब्लम सामने आ जाएगी,तो ये काफी Problematic हो सकता है,इसी को देख कर हमारी RBI Bank ने इसका एक Solution निकला लिया.

RBI ने सभी Commercial Banks को कहा कि अगर आपके पास कोई भी Deposite आता है तो उस Deposite का कुछ हिस्सा अपने पास Reserve रखो.जिस से लोगो की Withdrawal की जरूरत को पूरा किया जा सके.

और ये जो Bank Deposite का कुछ हिस्सा अपने पास Reserve रखती है,उस process को Legal Reserve Ratio (LRR) कहेंगे.

LRR मेे बैंक के पास जो भी डिपोजिट आयेगा,बैंक उस में से 18% से 22% अपने पास reserve रखेगी. जिस से लोगो के Needs को भी पूरा किया जा सके.और एक तरह से ये LRR बैंक के लिए Asset का काम करता है.

क्युकी उसी से तो Banking Business चल रहा है.और लोगो की Withdrawal Limit को Bank Fulfilled कर पा रही है.

Credit Creation Of Commercial Banks.

Credit Creation By Commercial Banks
Credit Creation By Commercial Banks

दोस्तो उपर आपने Commercial Banks के basic को तो समझ लिया,अब आते है हमारे Main Topic पर जिसका नाम है Credit Creation By Commercial Banks.

दोस्तो Credit Creation को समझ ने के लिऐ आपको assume करे कि Legal Reserve Ratio 20% है.

Case 1

Mr Amar🙋 ने बैंक में Rs 1000 Deposite किए है.और इसी पैसे का transaction होने वाला है अलग अलग बैंक में.जरूरी नहीं कि SBI bank का ट्रांजेक्शन SBI bank में ही हो,वो HDFC Bank या BOI में भी हो सकता है.इसी assumption को लेके हमे ये कॉन्सेप्ट समझ ना है.

उपर मैंने कहा था,Amar ने SBI बैंक में Rs 1000 Deposite किए है.तो बैंक के लिए Rs 1,000 liabilitie हो गई,तो बैंक ने इसका पहिले LRR रखा अपने पास ₹200 and ₹800 का लोन दिया Mr Vinay को.

तो LRR and Loan banks के लिए Asset हो गए .

LiabilitieAsset
Deposite1000LRR 200
loan800
10001000
SBI की Balance-sheet में ऐसा show होगा.

Case 2.

अब यहा जो लोन (₹800) दिया है Mr vinay को in the form of Cheque में,तो Mr vinay उस Cheque को अपने Bank of india में deposit करेंगे.

अब यहां ध्यान से समझो Mr.vinay जो ₹800 का Cheque bank में Deposit किया है,वो यहां पर Bank Of India के लिए Liabilitie होगी.

Bank of india भी इस मैंने 20% अपने पास LRR रखेगी और बाकी का Remaining Amount किसी और को लोन में देगी.जैसे ₹800 का LRR ₹160 अपने पास रखेगी और ₹ 640 लोन में किसी और को दे देगी.

(Note every loan is creating a new deposits.)

LiabilitieAsset
Deposite800LRR 160
Loan640
800800
BOI की Balance-sheet में ऐसा show होगा.

Case3

वापस ₹640 का loan दिया बैंक ने Cheque से किसी ओर Person को,अब फिर से वो LRR & loan देने का Process सुरु होगा.

HDFC Bank को ₹640 मिले तो यहां इस के लिए वो Liabilitie हो गई.और यहां LRR ₹128 का क्रिएट होगा.और बाकी का पैसा ₹ 512 लोन में किसी और दे देगी बैंक और ये ₹ 512 Banks के लिए Asset हो गए.

LiabilitieAsset
Deposite640LRR128
Loan512
640640
HDFC की Balance-sheet मै ऐसा show होगा.

ये Process Continue होता रहेगा जब तक कि ये पैसा Zero ना हो जाए .

मतलब पहिला डिपोजिट क्रिएट हो गया था ₹1000 का और दूसरा डिपोजिट क्रिएट हो गया ₹800.तो ये प्रोसेस बार बार continue होगा जब तक कि Balance जीरो ना हो जाए.

एक बार अगर Balance Zero हो जाता है,तब हमे ये पता चल जाएगा,की मार्केट में अगर कोई पर्सन ₹1000 डिपोजिट करता है और LRR 20% है तो मार्केट में कितने का Credit Creation हो सकता है.

लेकिन हर बार Table से अगर Explain करेगें तो काफी टाइम लग सकत है इसलिए यह एक Formula है जिस से हमे तुरंत पता चल जाएगा कि ,अगर इतने इतने रूपए का Primary Deposite है और LRR इतने Percent है तो कितना Credit Creation आयेगा ?

Formula of Credit Creation

1/LRR × Original primary deposit.

For Example: अगर उपर के वही उदाहरण को देखे जहा Primary Deposit ₹1000 और LRR 20% था तो Market में कितना Credit creation होगा ?

1/LRR × Original primary deposite

=1/0.20×1000

=₹5000

तो इस सवाल का जवाब है 5000 रुपए क्युकी तब मार्केट में पूरे ₹5000 Credit creation क्रिएट होगा.

(Tip, LRR 20% hai isliye formula mai 0.20 liya hai.agar 25% hota to hum waha formula mai 0.25% liya hota ,30% hota to 0.30 lete)

Importance Of Credit Creation (Credit Creation का महत्व)

अगर RBI ने सभी बैंक को LRR को बढ़ाने के लिए कहा है तो इसका मतलब Bank के पास ज्यादा पैसा रहेगा.जिसके वजह से मार्केट में कम पैसे आयेंगे .और मार्केट में कम पैसा आता है तो Credit भी कम Create होगी.

Example-

अगर RBI कहता है कि LRR आज से 25% है तो ,

1/LRR × Original primary deposite

=1/0.25×1000

=₹4000

वहीं अगर RBI ने LRR को कम किया .तो इसका मतलब Bank के पास कम पैसा रहेगा .और जिसके वजह से मार्केट में ज्यादा पैसे आयेंगे.तो मार्केट में Credit ज्यादा क्रिएट हो जाएगा.

Example- अगर LRR 10% होता तो,

1/LRR × Original primary deposite

=1/0.10×1000

=₹10,000.

आखरी शब्द

दोस्तों में उम्मीद करता हु,की आपको आज का हमारा आर्टिकल Credit Creation By Commercial Banks पसंद आया होगा.

अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तो के साथ शेयर करे.हमारा आज का आर्टिकल आपको कैसा लगा हमे नीचे कमेंट करके या फिर ईमेल करके जरूर बताए.

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