2023 में जीएसटी लाभ और हानि की पूरी जानकारी -In Detail

नमस्कार दोस्तो ! QuickGuruji ब्लॉग पर आपका स्वागत है.आज के आर्टिकल में हम आपके साथ बात करने वाले है जीएसटी लाभ और हानि के बारे में.

मगर दोस्तो यहां में आप से एक रिक्वेस्ट करना चाहता हु,की अगर आपको जीएसटी कानून या जीएसटी के बारे में कुछ भी नही पता है,जैसे की

  • जीएसटी क्या है ?
  • जीएसटी के प्रकार
  • क्यों जीएसटी भारत में लाया गया ?

इन सब को लेकर जीरो नॉलेज भी है.तो आप सबसे पहिले हमारा जीएसटी क्या है ? ये वाला आर्टिकल जरूर पढ़े.ताकि उसके बाद आपको ये पार्ट बहुत ही अच्छे से समझ आ जायेगा.

क्युकी बहुत ही आसान भाषा में मैने वहा पर जीएसटी को डिफाइन किया है.जिस से एक नए बंदे को भी जीएसटी का बेसिक कॉन्सेप्ट आसानी से समझ आ जायेगा.

GST Advantages and Disadvantages.(जीएसटी लाभ और हानि)

GST Advantages and Disadvantages.(जीएसटी लाभ और हानि)
जीएसटी लाभ और हानि

खैर अब बाते तो बहुत सारी हो गई है.अब आते है हमारे आज के मेन मुद्दे पर जिसका नाम है जीएसटी लाभ और हानि तो चलिए आज का आर्टिकल शुरू करते है.

जीएसटी के लाभ (Advantages Of GST In Hindi)

1.सभी को फायदा हुआ है

दोस्तो भारत में जीएसटी आने से इंडस्ट्री,गवर्मेंट और कंज्यूमर सेक्टर इन सभी सेक्टर को फायदा हुआ है.जैसे की अब भारत में पहिले ही तरह ज्यादा टैक्स नहीं होंगे,जिसके चलते चीज सस्ती दामों पर ग्राहक को मिलेगी.जिस से ग्राहक खुश होंगे.

जीएसटी का पूरा ऑनलाइन स्ट्रक्चर है,जिसके चलते टैक्स चोरी होने के बहुत ही कम चांस है.जिस से सरकार को भी एक बड़ा फायदा हुआ.

और आखिर में इंडस्ट्री सेक्टर वालो को भी फायदा,क्युकी जो लोग ईमानदारी से काम कर रहे थे अब उन्हें टैक्स भी सही तरह से लगेगा.

इसलिए मैने शुरू में ही ये बोल दिया था,की जीएसटी के आने से सभी को फायदा हो चुका है.

2.इकोनॉमिक बूस्ट :

जीएसटी के लागू हो जाने से कंट्री को एक इकोनॉमिक बूस्ट मिल जाता है.आप ही सोच कर देखो अगर आपके कंट्री में किसी चीज के उपर टैक्स कम होगा,तो उसका Consumption भी बढ़ेगा.और Consumption जब बढ़ेगा तो मार्केट में डिमांड क्रिएट होगी.जिसके चलते कंट्री को एक इकोनॉमिक बूस्ट मिल जाता है.

(नोट: दोस्तो जीएसटी लागू होने पर थोड़ी टाइम के लिए कंट्री में डाउनफॉल जरूर आ गया था.लेकिन बाद में गाड़ी फिर से पटरी पर आ गई.और ये हर कंट्री के साथ हुआ था जहां पर भी जीएसटी पहिले लागू हुआ था.)

3.Tax On Tax का सिस्टम पूरी तरह बंद हो गया.

ये एक बहुत ही बुरी चीज थी जो जीएसटी के आने से बंद हो गई.क्युकी एक प्रोड्यूसर मतलब कंट्री में जो प्रोडक्ट बनाता है उसे इस Tax On Tax के सिस्टम से कोई फर्क नहीं पड़ता था.मगर जो कंज्यूमर थे उन्हे इस Tax On Tax के सिस्टम के चलते चीज़े जो है वो महंगी दामों पर मिलती थी.

मतलब की अगर किसी प्रोड्यूसर ने कोई चीज अपने फैक्ट्री में बनाई तो उसे बनाने पर Excise Duty के नाम से एक टैक्स सरकार के पास जमा करवाना पड़ता था.उसके बाद वही चीज अगर उस प्रोड्यूसर को मार्केट में बेचनी होती थी,तो उसे उस प्रोडक्ट के टोटल वैल्यू पर सेल टैक्स भी सरकार को देना होता था.

अब आप समझ गए होंगे की,एक ही प्रोडक्ट के उपर दो बार टैक्स देना पड़ता था.और इन सारे टैक्स का पैसा कंज्यूमर से ही लिया जाता था.इसलिए चीज़े मार्केट में काफी महंगी मिलती थी.लेकिन जीएसटी ने ये सिस्टम ही बंद कर दिया.जिस से चीज़े थोड़ी सस्ते दामों पर ग्राहक को मिलने लगी.

4.यूनिफॉर्मिटी.

जीएसटी के आने से भारत के टैक्सेशन सेक्टर में एक यूनिफॉर्मिटी आ गई.मतलब टैक्स का स्लैब रेंज तैयार किया गया.उसी के हिसाब से व्यापारियों से टैक्स कलेक्ट किए जाने लगे.जिस से ना कम और ना ज्यादा इसे रिलेटेड कोई सवाल ही पैदा ना हो.

5.Multiple और Double Taxation सिस्टम खतम.

दोस्तो जीएसटी आने से पहिले क्या होता था,हमारी दोनो स्टेट और सेंट्रल गवर्मेंट मार्केट के कुछ आइटम्स को लेकर काफी Confuse रेहती थी.जिसके चलते कभी कभी एक ही प्रोडक्ट पर दो बार टैक्स लग जाते थे जैसे की,Software.

सेंट्रल गवर्मेंट Software को सर्विस मानती थी,जिसके चलते लोग सेंट्रल गवर्मेंट पर सर्विस चार्ज लगा देते थे.लेकिन कुछ राज्य में इसी Software को गुड्स माना जाता था.जिसके चलते इस पर VAT नाम का टैक्स भी चार्ज किया जाता था.

इस Software का तो बस एक उदाहरण मैंने आपको अभी बताया. लेकिन Software जैसे और भी कई सारे ऐसे प्रोडक्ट थे जिन्हे लेकर हमारी दोनो सरकार काफी confuse में ही होती थी.

लेकिन जीएसटी आने के बाद ये परेशानी भी दूर हो गई.जीएसटी ने साफ साफ कहा,या तो कोई आइटम गुड्स होगा या फिर सर्विस.और उसी के हिसाब से उन पर टैक्स लगाया जाएगा.जिसके चलते Multiple और Double Taxation सिस्टम के स्ट्रक्चर को खतम किया गया.

6.Simple To Analysis :

जीएसटी के आने से सरकार को भी राहत मिली है.क्युकी ये Simple To Analysis स्ट्रेटजी को फॉलो करते हुए टैक्स रेवेन्यू लोगो से कलेक्ट करता है.

दोस्तो देखा जाए तो पहिले भी सरकार के पास टैक्स आता था.लेकिन कई सारे टैक्स,उनके प्रोविजन और उनके अपने अपने एक्ट को याद रखना आसान नहीं था.काफी complicated काम था वो.लेकिन अब जीएसटी से वो सब आसान बन चुका है.

7.Creation Of National Market:

हमारे भारत में जीएसटी ने नेशनल मार्केट का क्रिएशन किया है.क्युकी इस से पहिले यानी जीएसटी आने से पहिले हर एक राज्य में सेम प्रोडक्ट के दाम अलग अलग होते थे.क्युकी हर राज्य का VAT का चार्ज अलग अलग होता था.

जिसके चलते कुछ राज्य में चीज़े सस्ती मिलती थी,तो कुछ राज्य में वही चीज़े महंगी दाम पर मिलती थी.लेकिन जीएसटी ने VAT सिस्टम को ही खतम कर दिया.नतीजा ये रहा की भारत के हर मार्केट का प्राइस सेम लेवल पर आ गया.जिसके चलते भारत के मार्केट को एक National Market की पहचान मिली.

8.Increased Consumer Confidence :

जीएसटी आने से ग्राहक का भी काफी Confidence बढ़ गया. उसे भी ये यकीन होने लगा की की अब हम लोगो से ज्यादा टैक्स नहीं जा रहा है.एक सही प्राइस रेंज पर चीज़े हम तक पहुंच रही है.

Disadvantages Of GST (जीएसटी के नुकसान)

हर एक सिक्के के दो पहेलू होते है,जिस तरह आज हम जीएसटी के आने से खुश है,उसके फायदे के बारे में बात कर रहे है.ये उतना आसान नहीं था.जीएसटी के आने से व्यापारियों और सरकार को कई सारे नुकसान भी उठाने पढ़े है.

1.ऑनलाइन प्रोसेस :

पहिले व्यापारि लोग Indirect Tax की मैनुअल रिटर्न फाइल करते थे,लेकिन जीएसटी अब पूरी तरह ऑनलाइन प्रोसेस बन चुका है.जिसके चलते जिस किसी व्यापारी को ऑनलाइन,इंटरनेट और कंप्यूटर की नॉलेज नही है,उसके लिए ये काफी मुश्किल होता था उस टाइम.

खैर अब मार्केट में जो नए व्यापारी आए है उन्हे डायरेक्ट ऑनलाइन प्रोसेस देखने को मिला है,लेकिन तब मैनुअल रिटर्न से ऑनलाइन में शिफ्ट होना उन व्यापारियों के लिए काफी चैलेंजिंग वक्त था.

2.कम टैक्स रेवेन्यू :

देखो जीएसटी आने से पहिले अलग अलग तरह के भारत में टैक्स लागू होते थे,जिससे सरकार के पास ज्यादा टैक्स रेवेन्यू जाता था.मगर आज के टाइम उस टैक्स रेवेन्यू को GST के साथ कंपेयर करे तो सरकार के पास कम टैक्स रेवेन्यू जाता है.क्युकी जीएसटी में ज्यादा से ज्यादा टैक्स लिमिट का स्लॉट ही 28% का है.

3.बदलाव :

एक कंज्यूमर खुश है की भारत में जीएसटी आ चुका है,मगर आपको बता दू अभी भी जीएसटी एक्ट सेटल नही है.टाइम टू टाइम इस जीएसटी एक्ट में बदलाव आता ही रहता है.जिसके चलते एक व्यापारी और भारत का एक आम ग्राहक भी काफी कंफ्यूज होते रहते है.

4.GST On Petrol :

दोस्तो हमारे भारत में जीएसटी को लागू हो कर 5 साल से ज्यादा का टाइम हो चुका है,लेकिन हमारी गवर्मेंट अभी तक पेट्रोल को GST में शामिल नहीं कर पाई.

आज के टाइम मे पेट्रोल को जीएसटी से अलग रखा गया है.मगर सोच कर देखो अगर पेट्रोल को जीएसटी में शामिल किया जाए तो काफी सारे उपर के खर्चे कम हो जायेंगे.और एक सही प्राइस में पेट्रोल की सप्लाई लोगो तक होगी.लेकिन ऐसा अभी तक नही हुआ है.

FAQ

जीएसटी फुल फॉर्म क्या है ?

Goods & Service Tax

जीएसटी क्या है ?

जीएसटी एक ऐसा टैक्स है,जिस ने हमारे भारत के Indirect Tax को रिप्लेस किया है.

जीएसटी के प्रकार कितने है ?

जीएसटी के कुल 4 प्रकार है,IGST,SGST,CGST,UGST.

In Conclusion

दोस्तो में उम्मीद करता हु की आज के हमारे आर्टिकल में दी गई जानकारी (जीएसटी लाभ और हानि ) आपको पसंद आई होगी.और ऐसे ही नए नए इनफॉर्मेशन रीड करने के लिए हमारे वेबसाइट पर दोबारा जरूर विजिट करे.

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