GST मे क्रेडिट नोट क्या है ?और इसे क्यों इश्यू करवाते है ?

नमस्कार दोस्तो ! Quickguruji में आज के आर्टिकल में हम बात करने वाले है क्रेडिट नोट के बारे में और जानेंगे आखिर ये क्रेडिट नोट क्या है ?,कब इश्यू की जाती है ? और आखिर इसकी जरूरत क्यों पढ़ जाती है ?

दोस्तो आर्टिकल को शुरू करने से पहिले,याद रखे डेबिट नोट और क्रेडिट नोट इस सीरीज का ये दूसरा पार्ट है.पहिले पार्ट में हम ने डेबिट नोट के बारे पूरी जानकारी डिटेल में दी थी.

इसलिए अगर आपके लिए डेबिट नोट और क्रेडिट नोट ये दोनो टर्म नए है,तो में आपसे रिक्वेस्ट करता हु,की सबसे पहिले हमारा डेबिट नोट क्या होता है ? ये वाला आर्टिकल जरूर पढ़े.उसके बाद ही क्रेडिट नोट वाला ये आर्टिकल पढ़े.ताकि आपको ये दोनो कॉन्सेप्ट और अच्छे तरीके से समझ आ जायेंगे.तो चलिए आज का हमारा आर्टिकल शुरू करते है.

क्रेडिट नोट क्या है ?(What Is Credit Note In Hindi)

क्रेडिट नोट क्या है ?(What Is Credit Note In Hindi)
क्रेडिट नोट क्या हैं ?

दोस्त मान लो आप किसी दुकान में जाते हो,और वहा से कुछ 500 रुपए का सामान खरीदते हो.और गलती से उसे 500 रुपए की जगह 600 रुपए का पेमेंट करते हो.

लेकिन घर आकर जब आपको पता चलता है,की आपने गलती से 100 रुपए ज्यादा पे कर दिए है,तो आप तुरंत उस दुकानदार के पास जाकर अपने 100 रुपए वापस मांगते हो.

ठीक बिजनेस में भी कभी कभी कुछ ऐसा ही देखने को मिलता है.मगर यहां इस गलती को ठीक करने का एक लीगल तरीका होगा है.जिसे क्रेडिट नोट सिस्टम कहा जाता है.

कभी कभी बिजनेस में सप्लायर अपने Goods या Services की सप्लाई करने के बदले अपने कस्टमर (Party) से ज्यादा वैल्यू चार्ज करता है.

तो इस केस में सप्लायर अपने कस्टमर को क्रेडिट नोट जारी करता है.जिसका आसान भाषा में मतलब होता की,हम ने (सप्लायर) गलती से आप से कुछ ज्यादा अमाउंट चार्ज की है.और उस ज्यादा लिए हुए अमाउंट का रिफंड देने के लिए हम पूरी तरह से Eligible है.

For Example

A लिमिटेड कंपनी ने, X लिमिटेड कंपनी को पूरे 20,000 रुपए के गुड्स बेच दिए,और उसी के हिसाब से A लिमिटेड ने बिल बनाकर गुड्स की Delivery और उसके Bill को X लिमिटेड कंपनी के पास पोहचा दिया.

मगर बाद में X लिमिटेड कंपनी ने जब गुड्स देखे,तो उस में 2,000 रुपए का माल खराब था,इसलिए उसे वापस सप्लायर के पास भेज दिया.लेकिन बिल तो 20 हजार रुपए का बन चुका था.तो अब क्या करे ? देखा जाए तो यहां पर सप्लायर ने 2,000 ज्यादा चार्ज किए अपने कस्टमर से.

तो इस केस में तुरंत X लिमिटेड ने A लिमिटेड कंपनी को कॉल किया और सारी बाते उन्हे बता दी.A लिमिटेड ने भी सारे बातो को वेरिफाई किया और X लिमिटेड से माफी भी मांग ली.और कहा बिल तो अब 20,000 रुपए का बन चुका है,मगर हम जल्दी ही 2 हजार रुपए का क्रेडिट नोट जारी करके आपका 2,000 रुपए रिफंड कर देंगे.

क्रेडिट नोट कब जारी की जाती है ?

क्रेडिट नोट क्या है ?(What Is Credit Note In Hindi)

उपर का उदाहरण पढ़ कर आपको पता चल ही गया है की, जब सप्लायर अपने पार्टी से ज्यादा अमाउंट चार्ज करता है तो इस केस में वो (सप्लायर) क्रेडिट नोट इश्यू करता है.

लेकिन ये एक ही कारण काफी नही होता है.क्रेडिट नोट इश्यू करने के कई सारे वजह हो सकती है जैसे की,

  • गुड्स की क्वालिटी खराब होने पर सेल्स रिटर्न करने का मामला,
  • या फिर गलती से बिल में ज्यादा टैक्स कलेक्ट करने वाला केस etc.etc..

और भी कई सारे कारण हो सकते है.मगर ज्यादातर यही मामले क्रेडिट नोट के केस में देखने को मिलते है.

क्रेडिट नोट जारी करने के बाद आगे क्या करे ?

सप्लायर ने क्रेडिट नोट तो जारी कर दी,अब आगे क्या ? ये सवाल अगर आपके दिमाग में आ रहा है,तो आर्टिकल को पढ़ते पढ़ते बड़े सही दिशा में आपका दिमाग चल रहा है.

सप्लायर क्रेडिट नोट को जारी करने के बाद ,इसकी पूरी डिटेल उन्हे अपने जीएसटी रिटर्न में देनी होती है.मगर एक बाद याद रखे सप्लायर ने जिस महीने का क्रेडिट नोट जारी किया है,उसे उसी महीने के रिटर्न में इसकी डिटेल जानकारी देनी होती है.

In Conclusion

दोस्तो में उम्मीद करता हु की आज के हमारे आर्टिकल में दी गई जानकारी (क्रेडिट नोट क्या है ?) आपको पसंद आई होगी.और ऐसे ही नए नए इनफॉर्मेशन रीड करने के लिए हमारे वेबसाइट पर दोबारा जरूर विजिट करे.

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