नमस्कार दोस्तों शेयर मार्केट में दो तरह के शेयर होते है,इक्विटी और प्रेफरेंस शेयर ये हम को पता है,लेकिन आज के आर्टिकल में हम बात करने वाले है Equity share और Preference share के बीच के अंतर को. (Difference Between Equity Share And Preference Share In Hindi) लेकिन उस से पहिले इक्विटी शेयर क्या है ? और प्रेफरेंस शेयर क्या है ? उसके ऊपर एक नजर डालते हैं.
Equity share
अगर कोई पर्सन किसी कंपनी के इक्विटी शेयर Purchase करता है,तो वो उस कंपनी की Real ownership को खरीद लेता है.आसान भाषा मेे Equity shareholders कंपनी के मालिक होते है.
Equity share के बारे मेे पूरी जानकारी
Preference Share
वहीं जब कोई पर्सन किसी कंपनी के प्रेफरेंस शेयर purchase करता है,तो वो उस company का नाम का Owner बन जाता है.बस दिखाने के लिए Ownership होती है उनके पास.
Preference shares के बारे में पूरी जानकारी
अब बात करते है इन दोनों के बिच के अंतर के बारे में (Distinguish Between Equity Share & Preference Share)
Difference Between Equity Share And Preference Share

POINT | EQUITY SHARE | PREFERENCE SHARE |
FACE VALUE | Equity shares की फेस वैल्यू Preference Shares के फेस वैल्यू के मुकाबले low रेहती है.₹ 10,₹ 20 | Preference Shares की फेस वैल्यू Equity shares के फेस वैल्यू के मुकाबले High रेहती है.₹ 100,₹ 200 |
DIVIDEND | इक्विटी शेयर होल्डर वालों को Fluctuating Rate Of Dividend मिलता है. | वहीं प्रेफरेंस शेयर होल्डर वालों को Fixed Rate Of Divident दिया जाता है. |
VOTING RIGHTS | कंपनी में वोटिंग राइट्स का अधिकार सिर्फ इक्विटी शेयर होल्डर वालों को होता है | कंपनी की तरफ से प्रेफरेंस शेयर होल्डर वालों को किसी तरह की कोई वोटिंग राइट्स नहीं दिए जाते |
RISK | इक्विटी शेयर्स में रिस्क ज्यादा होता है. | प्रेफरेंस शेयर्स इक्विटी शेयर्स के मुकाबले कम रिस्की होते हैं. |
POWER | इक्विटी शेयर होल्डर वालों के पास कंपनी की सारी पावर होती है. | प्रेफरेंस शेयर होल्डर के पास किसी तरह की कोई खास पावर नहीं होती |
REFUND OF CAPITAL | जब कंपनी बंद होती है तो इक्विटी शेयर में रिटर्न ऑफ कैपिटल की कोई गारंटी नहीं होती. | प्रेफरेंस शेयर्स में रिटर्न ऑफ कैपिटल की गारंटी होती है. |
REDEMPTION | इक्विटी शेयर का कोई Redemption टाइम नहीं होता है. | एक Fixed टाइम के बाद प्रेफरेंस शेयर्स का Redemption किया जाता है. |
CONTROL | इक्विटी शेयर होल्डर वालो के पास कंपनी का कंट्रोल होता है. | प्रेफरेंस शेयर होल्डर वालो का कंपनी मेे किसी तरह का कोई कंट्रोल नहीं होता है. |
CONVERTIBLE | इक्विटी शेयर को Convert नहीं किया जा सकता. | वहीं प्रेफरेंस शेयर को इक्विटी शेयर मेे Convert किया जा सकत है. |
काम की बात
ऊपर दोनों के डिफरेंस देखने के बाद आपको यह तो समझ आ गया होगा कि इक्विटी शेयर होल्डर ही कंपनी के असली मालिक होते है,क्युकी उनके पास कंपनी का सारा कंट्रोल और पावर होता है.
प्रेफरेंस शेयर होल्डर बस दिखाने के लिए कंपनी के मालिक होते है और उन्हे कंपनी से कोई लेना देना नहीं होता उन्हे बस उनके Fixed Rate Of Divident से मतलब होता है.
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आखरी निवेदन
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