(5+)Difference Between Equity Share And Preference Share- In Hindi

नमस्कार दोस्तों शेयर मार्केट में दो तरह के शेयर होते है,इक्विटी और प्रेफरेंस शेयर ये हम को पता है,लेकिन आज के आर्टिकल में हम बात करने वाले है Equity share और Preference share के बीच के अंतर को. (Difference Between Equity Share And Preference Share In Hindi) लेकिन उस से पहिले इक्विटी शेयर क्या है ? और प्रेफरेंस शेयर क्या है ? उसके ऊपर एक नजर डालते हैं.

Equity share

अगर कोई पर्सन किसी कंपनी के इक्विटी शेयर Purchase करता है,तो वो उस कंपनी की Real ownership को खरीद लेता है.आसान भाषा मेे Equity shareholders कंपनी के मालिक होते है.

Equity share के बारे मेे पूरी जानकारी

Preference Share

वहीं जब कोई पर्सन किसी कंपनी के प्रेफरेंस शेयर purchase करता है,तो वो उस company का नाम का Owner बन जाता है.बस दिखाने के लिए Ownership होती है उनके पास.

Preference shares के बारे में पूरी जानकारी

अब बात करते है इन दोनों के बिच के अंतर के बारे में (Distinguish Between Equity Share & Preference Share)

Difference Between Equity Share And Preference Share

Difference Between Equity Share And Preference Share In Hindi
Difference Between Equity Share And Preference Share In Hindi

POINTEQUITY SHAREPREFERENCE SHARE
FACE VALUE Equity shares की फेस वैल्यू Preference Shares के फेस वैल्यू के मुकाबले low रेहती है.₹ 10,₹ 20 Preference Shares की फेस वैल्यू Equity shares के फेस वैल्यू के मुकाबले High रेहती है.₹ 100,₹ 200
DIVIDENDइक्विटी शेयर होल्डर वालों को Fluctuating Rate Of Dividend मिलता है.वहीं प्रेफरेंस शेयर होल्डर वालों को Fixed Rate Of Divident दिया जाता है.
VOTING RIGHTSकंपनी में वोटिंग राइट्स का अधिकार सिर्फ इक्विटी शेयर होल्डर वालों को होता हैकंपनी की तरफ से प्रेफरेंस शेयर होल्डर वालों को किसी तरह की कोई वोटिंग राइट्स नहीं दिए जाते
RISKइक्विटी शेयर्स में रिस्क ज्यादा होता है.प्रेफरेंस शेयर्स इक्विटी शेयर्स के मुकाबले कम रिस्की होते हैं.
POWERइक्विटी शेयर होल्डर वालों के पास कंपनी की सारी पावर होती है.प्रेफरेंस शेयर होल्डर के पास किसी तरह की कोई खास पावर नहीं होती
REFUND OF CAPITALजब कंपनी बंद होती है तो इक्विटी शेयर में रिटर्न ऑफ कैपिटल की कोई गारंटी नहीं होती.प्रेफरेंस शेयर्स में रिटर्न ऑफ कैपिटल की गारंटी होती है.
REDEMPTIONइक्विटी शेयर का कोई Redemption टाइम नहीं होता है.एक Fixed टाइम के बाद प्रेफरेंस शेयर्स का Redemption किया जाता है.
CONTROLइक्विटी शेयर होल्डर वालो के पास कंपनी का कंट्रोल होता है.प्रेफरेंस शेयर होल्डर वालो का कंपनी मेे किसी तरह का कोई कंट्रोल नहीं होता है.
CONVERTIBLE इक्विटी शेयर को Convert नहीं किया जा सकता.वहीं प्रेफरेंस शेयर को इक्विटी शेयर मेे Convert किया जा सकत है.
Equity Share Vs Preference Share

काम की बात

ऊपर दोनों के डिफरेंस देखने के बाद आपको यह तो समझ आ गया होगा कि इक्विटी शेयर होल्डर ही कंपनी के असली मालिक होते है,क्युकी उनके पास कंपनी का सारा कंट्रोल और पावर होता है.

प्रेफरेंस शेयर होल्डर बस दिखाने के लिए कंपनी के मालिक होते है और उन्हे कंपनी से कोई लेना देना नहीं होता उन्हे बस उनके Fixed Rate Of Divident से मतलब होता है.

इन पोस्ट को भी जरूर पढ़े

आखरी निवेदन

दोस्तो में उम्मीद करता हु आज के हमारे आर्टिकल में दी गई जानकारी (Difference Between Equity Share And Preference Share In Hindi) आपको पसंद आई होगी.आज का आर्टिकल आपको कैसा लगा हमे नीचे कॉमेंट करके या फिर ईमेल करके जरूर बताए.

अपने उन दोस्तो के साथ जरूर इस आर्टिकल को शेयर करो,जिन्हे फाइनेंस,Taxation,Case Study और स्टॉक मार्केट के बारे में कुछ न कुछ नया जानना अच्छा लगता है.और ऐसे ही नए नए इनफॉर्मेशन रीड करने के लिए हमारे वेबसाइट पर दोबारा जरूर विजिट करे.

दोस्तो एक जरूरी बात,अगर आपको हमारे वेबसाईट पर लिखे आर्टिकल पसंद आते है,और आप अपनी खुशी से हमारी टीम को कुछ Monetary Support करना चाहते हो,तो आप UPI ID के जरिए हमें सपोर्ट कर सकते हो.हमारी UPI ID है, vaibhav.t@ybl

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *